Bhoot Ki Kahani in Hindi: प्राचीन होटल का रहस्य


एक पुराने शहर के बीच, जहाँ धूल से भरी सड़कों और जर्जर इमारतों में इतिहास की कहानियाँ दबी थीं, वहाँ एक अजीब और रहस्यमयी होटल खड़ा था। यह होटल बीते समय की एक निशानी थी, मानो समय के एक छोर पर अटका हुआ हो। सालों पहले, जब यह शहर चहल-पहल से भरा था, तब यह होटल सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक था। लोग यहाँ रातें बिताते, अजीब घटनाओं को भूलने की कोशिश करते, और कुछ लोग होटल की बालकनी पर खड़े होकर बीते दिनों की कहानियाँ सुनाते। लेकिन समय बीतने के साथ, यह होटल धीरे-धीरे वीरान होने लगा।

शहर के लोगों ने इस होटल को लेकर कई तरह की अफवाहें फैलानी शुरू कर दीं। किसी ने कहा कि वहाँ अजीब आवाजें सुनाई देती हैं। किसी ने कहा कि वहाँ एक रहस्यमयी परछाईं दिखाई देती है। कुछ लोगों ने तो यहाँ तक दावा किया कि इस होटल में कभी कोई अदृश्य शक्ति वास करती थी। इन कहानियों ने होटल के अतीत को और भी रहस्यमयी बना दिया।

एक दिन, एक युवा पत्रकार, राजीव, इस शहर में एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए आया। वह शहर की प्राचीन धरोहर और इतिहास पर शोध कर रहा था। उसने सुना था कि यह होटल बहुत पुराना और रहस्यमयी है, इसलिए उसने तय किया कि वह इसे जरूर देखेगा, क्योंकि यह उसकी रिपोर्ट का एक अहम हिस्सा था।

होटल में पहला कदम

शहर के पुराने इलाके की संकरी गली में यह होटल खड़ा था। इसके चारों ओर बड़े-बड़े पेड़ों की शाखाएँ फैली हुई थीं, जो इसकी दीवारों को छू रही थीं। जब राजीव होटल के सामने पहुँचा, तो उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे समय थम गया हो। होटल के पास खड़े होते ही उसे एक अजीब ठंडक महसूस हुई, जिसने उसे थोड़ा बेचैन कर दिया। उसे लगा कि कोई उसे देख रहा है।

होटल का मुख्य दरवाजा बंद था, लेकिन थोड़ा सा खुला हुआ भी था। राजीव ने हल्के से दरवाजे को धक्का दिया और अंदर प्रवेश किया। अंदर का माहौल बेहद पुराना और धूल-धूसरित था। वहाँ गहरा सन्नाटा था, लेकिन ऐसा लग रहा था कि कोई अनदेखी शक्ति मौजूद है। होटल की लॉबी में कुछ पुराने फ़्रेम लगे थे और फर्श, जो कभी चमकता था, अब फीका पड़ चुका था।

राजीव और अंदर बढ़ा और एक बड़ा हॉल मिला, जिसमें पुरानी कुर्सियाँ, एक बड़ी टेबल और कील से बंद की गई खिड़कियाँ थीं। तभी उसने पहली बार एक अजीब धुंआ देखा। पहले उसे लगा कि यह उसका भ्रम है, लेकिन फिर उसे एहसास हुआ कि यह कोई सामान्य चीज़ नहीं थी।

एक रहस्यमयी तस्वीर

हॉल में एक पुरानी तस्वीर टंगी हुई थी, जिसमें एक सुंदर महिला खड़ी थी। उसके आँखों में एक अजीब चमक थी और राजीव को लगा जैसे उसकी आँखें उसे घूर रही हों।

राजीव डरने के बजाय और उत्सुक हो गया। वह तस्वीर के करीब गया और उसके नीचे एक पुराना पत्र पड़ा देखा। वह पत्र कुछ इस तरह था—

"जो यहाँ आता है, वह कभी लौटकर नहीं जाता। मैं यहाँ अकेली हूँ, उस भयावह रात से, जो मेरी ज़िंदगी की आखिरी रात थी। मैं अपने पति का इंतजार कर रही हूँ, लेकिन वह कभी लौटकर नहीं आया।"

"जो भी इस होटल में आएगा, वह किसी न किसी रूप में मेरी उपस्थिति को महसूस करेगा। मेरी कहानी कभी खत्म नहीं होगी। मैं यहाँ कैद हूँ।"

पत्र पढ़ने के बाद, राजीव थोड़ा घबरा गया, लेकिन उसने तय किया कि वह और ज्यादा खोजबीन करेगा।

होटल की सच्चाई

वह होटल के विभिन्न कमरों में गया और देखा कि हर कमरा वीरान और टूटा-फूटा था। कुछ कमरों में उसे धीमी-धीमी आवाजें सुनाई देने लगीं—जैसे कोई कराह रहा हो।

फिर, वह होटल के सबसे पुराने कमरे तक पहुँचा। यह कमरा पूरी तरह अंधकारमय था और राजीव को लगा कि यहाँ कुछ भयानक हुआ था। तभी, वही महिला छाया के रूप में उसके सामने आ गई।

राजीव ने हिम्मत जुटाकर पूछा, "तुम कौन हो? तुम क्या कहना चाहती हो?"

महिला की आँखों में गहरा दर्द था और उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान थी। उसने जवाब दिया, "मैं इस होटल की मालिक थी। मेरा पति एक दिन मुझे छोड़कर चला गया। मैं अकेली रह गई और फिर... एक भयानक घटना घटी। मैं यहाँ कैद हो गई, इस अंधेरे में।"

राजीव ने पूछा, "क्या तुम्हारा पति सच में तुम्हें छोड़कर चला गया था?"

महिला की आँखों से आँसू बहने लगे। उसने धीरे से कहा, "हाँ, वह चला गया। और उसी रात मैंने यहाँ अंतिम सांस ली। लेकिन मेरी आत्मा अब भी यहाँ बंधी हुई है, मुक्ति की प्रतीक्षा में।"

रहस्य का अंत?

राजीव सोच में पड़ गया—क्या यह होटल वास्तव में भूतिया था?

वह बाहर निकलने के लिए बढ़ा, लेकिन जैसे ही वह होटल से बाहर आया, उसने देखा कि रात का अंधकार और गहरा हो चुका था।

उसका यह अनुभव एक गहरी रहस्यमयी छाप छोड़ गया—एक ऐसी कहानी जो शायद कभी खत्म नहीं होगी।

यह कहानी काल्पनिक है, इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है।

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